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मुद्दा | आई.एस.एफ.आर 2021: क्या है भारत के जंगलों का सच?

Duration: 08:07Views: 4.5KLikes: 434Date Created: Mar, 2022

Channel: Down To Earth

Category: Science & Technology

Tags: health mobilitycivil service preparationsreserved forestsforestsias coachingsustainable developmentenvironmentecologycsefaodown to earthscienceupsccentre for science and environmentindian forestsclimate change

Description: क्या है भारत के जंगलों का सच? क्या है इन जंगलों की मौजूदा स्थिति? क्या भारतीय वन सर्वेक्षण से जंगलों की सेहत और फॉरेस्ट कवर (वन आवरण) की सच्ची तस्वीर पता चलती है? मुद्दा के इस एपिसोड में आज हम इन्हीं प्रश्नों पर चर्चा करेंगे। लेकिन इससे पहले मैं आगे बढूं, मैं आपको बताता चाहता हूं कि डाउन टू अर्थ ने इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2021 (आईएसएफआर 2021) का गहराई से मूल्यांकन किया है। यह मूल्यांकन हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध है। रिपोर्ट का लिंक नीचे है। स्क्रीन के दायीं तरफ दिए लिंक पर क्लिक करके आप रिपोर्ट को डाउनलोड कर सकते हैं। मेरी आपसे यह भी गुजारिश है कि आप सब्सक्रिप्शन बटन को क्लिक करके हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। यहां आपको पर्यावरण के तमाम विषयों से जुड़े 1000 से अधिक वीडियो मिलेंगे। अब आते हैं मुद्दे पर। डाउन टू अर्थ ने इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट का जो मूल्यांकन किया है, वो क्या कहता है? उसका निचोड़ क्या है? संक्षेप में कहें तो ये बताता है कि भारत में उत्तर प्रदेश के क्षेत्रफल के बराबर फॉरेस्ट कवर लापता है। लापता जंगल का आंकड़ा करीब 25.87 मिलियन हेक्टेयर यानी 2.58 करोड़ हेक्टेयर है। करीब 26 मिलियन हेक्टेयर का लापता जंगल उत्तर प्रदेश के कुल आकार के बराबर है। अब आप पूछेंगे कि ये कैसे संभव है? इस प्रश्न का उत्तर देने से पहले हमें पिछले कुछ सालों में आई इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट पर नजर डालनी होगी। पहली रिपोर्ट 1988 में जारी की गई थी। इसे आईएफएसआर 1987 कहा गया। राष्ट्रीय स्तर पर तैयार होने वाली ये रिपोर्ट हर दो साल में जारी होती हैं। 2021 में जारी हुई रिपोर्ट इस कड़ी की 17वीं रिपोर्ट है। भारतीय वन सर्वेक्षण के मुताबिक, अगर 1 हेक्टेयर या इससे अधिक भूमि पर 10 प्रतिशत भी ट्री कवर है तो उसे जंगल माना जाएगा। इस परिभाषा के हिसाब से देखें तो भारत का रिकॉर्डेड फॉरेस्ट एरिया (आरएफए) 77.5 मिलियन (7.75 करोड़) हेक्टेयर है। इसमें से करीब 8.8 मिलियन हेक्टेयर पर अति सघन (वेरी डेंस) जंगल हैं। इसमें वे जंगल आते हैं जहां कैनोपी कवर (वितान घनत्व) 70 प्रतिशत या इससे अधिक होता है। दूसरी श्रेणी में मध्यम घने जंगल (मॉडरेट डेंस फॉरेस्ट) आते हैं। इसमें कैनोपी कवर 40 से 70 प्रतिशत के बीच होता है। देश में लगभग 24 मिलियन हेक्टेयर में ये जंगल फैले हैं। तीसरी श्रेणी खुले जंगल (ओपन फॉरेस्ट) की है। इनमें वे जंगल शामिल हैं जहां कैनोपी कवर 10 से 40 प्रतिशत रहता है। भारत में ऐसे जंगल करीब 19 मिलियन हेक्टेयर में हैं। अगर इन तीनों श्रेणियों के जंगलों को मिला दिया जाए तो करीब 52 मिलियन हेक्टेयर हो जाता है।

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